स्त्रियों में लैंगिक चक्र तथा अंडाणु के निषेचित न होने के बाद की क्रिया-
- स्त्रियों में यौवनारंभ या प्यूबर्टी (puberty) सामान्यतः 10 से 12 वर्ष की आयु में होता है, अर्थात इस उम्र में नारी में जनन क्षमता प्रारंभ हो जाती है ।
- तथा आंतरिक जननांगों में कुछ चक्रीय क्रियाएँ (cyclical events) होती हैं जिसे मासिक चक्र (menstrual cycle) अथवा मासिक धर्म या रजोधर्म या मासिक स्राव (menses or menstruation) कहते हैं।
- यह चक्र 28 दिनों तक चलता है। सामान्य स्थिति में प्रत्येक
28 दिन पर इसकी पुनरावृत्ति होती है।
- मासिक चक्र के प्रारंभ में ग्राफी पुरक या ग्राफियन फॉलिकल में स्थित अंडाणु परिपक्व होने लगते है।
- यह क्रिया पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा स्त्रावित हॉर्मोन के प्रभाव में प्रारंभ होता है।
- ग्राफियन फॉलिकिल के परिपक्व होते ही अंडाशय से हॉर्मोन ऐस्ट्रोजेन निकलता है जो गर्भाशय की दीवार में कुछ आवश्यक परिवर्तन लाता है।
- गर्भाशय की दीवार की सबसे भीतरी सतह जिसे अंतःस्तर या एंडोमीट्रियम (endometrium) कहते हैं, रक्त केशिकाओं तथा ग्रंथियों के विकास के कारण मोटी हो जाती है।
- गर्भाशय में इस तरह की तैयारी अंडाणु के निषेचन के बाद भ्रूण के विकास के लिए आवश्यक होती है।

